Information about GST for all exam related to BANK,RAILWAY,POLICE,SSC,CGL in hindi
Goods and Services Tax
GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स है। officially known as The Constitution (One Hundred and 22nd Amendment) Act, 2016, ये ऐसा टैक्स है, जो देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेज की मैन्युकफैक्चैरिंग, बिक्री और इस्तेयमाल पर लागू होगा।सरल शब्दों में कहें ताे GST पूरे देश के लिए इनडायरेक्ट टैक्स है, वर्तमान में, भारतीय कर संरचना दो भागो में विभाजित है - प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर।
1 . Direct Taxes - इनकम टैक्स
2 . Indirect Taxes - वैट
Q.- आखिर क्या हो जाएगा जीएसटी से ? -
जीएसटी लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे। अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है। इसकी वजह अलग-अलग राज्यों में लगने वाले टैक्स हैं। इसके लागू होने के बाद देश बहुत हद तक सिंगल मार्केट बन जाएगा। इसे केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले लगाया जा रहा है। जीएसटी के बाद Excise Duty, Service Tax, Additional Custom Duty, Special Additional Duty of Custom, VAT / Sales Tax, Central Sales Tax, Entertainment Tax, Octroi and Entry Tax, Luxury जैसे टैक्स खत्म होंगे।
History - GST 140 देशों में लागू हो चुका है, फ़्रांस 1954 में जीएसटी प्रणाली को अपनाने वाला पहला देश था |हमारे पूर्व प्रधान मंत्री श्री A.B.वायपेयी ने भारतीय इतिहास में पहली बार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) पर चर्चा शुरू की।
2000 में, उन्होंने एक समिति की स्थापना की जिसका नेतृत्व असिम दासगुप्ता (पूर्व वित्त मंत्री, बंगाल सरकार) के थे। समिति को जीएसटी मॉडल तैयार करने और स्थापित करने का एक कार्य दिया गया था जो भारतीय संघीय ढांचे को अच्छी तरह से पेश करता है। 19 दिसंबर 2014 को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लोकसभा में संविधान (एक सौ 22वा संशोधन) विधेयक 2014 को पेश किया गया था और 6 मई 2015 को सदन द्वारा पारित किया गया था। राज्यसभा में, 14 मई 2015 को बिल को चयन समिति के पास रेफर किया गया । राज्यसभा की चुनिंदा समिति ने 22 जुलाई 2015 को अपनी रिपोर्ट पेश की और विधेयक को 3 अगस्त 2016 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया और 8 अगस्त 2016 संशोधित विधेयक लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।
राज्यों द्वारा समर्थन के बाद बिल पर, 8 सितंबर 2016 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से सहमति प्राप्त हुई, और इसी तिथि पर भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया|
12 अगस्त 2016 को, असम विधानसभा की स्वीकृति देने वाला पहला राज्य बन गया, जब असम विधानसभा ने सर्वसम्मति से इसे मंजूरी दी।
GST को अब तक 10 राज्यों की विधानसभा में पास कर दिया गया है। इनमें तेलंगाना, बिहार, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और हरियाणा शामिल हैं।
जब सामान और सेवा कर लागू किया जायेगा, तो 3 प्रकार के माल और सेवा कर लागू होंगे:
सीजीएसटी(CGST): जहां केंद्र सरकार द्वारा राजस्व एकत्र किया जाएगा
एसजीएसटी(SGST): जहां राज्य सरकारों द्वारा इंट्रा-स्टेट की बिक्री के लिए राजस्व एकत्र किया जाएगा
आईजीएसटी(ISGT): जहां अंतरराज्यीय बिक्री के लिए केंद्र सरकार द्वारा राजस्व एकत्र किया जाएगा
GST के लागु होने के बाद मैन्युीफैक्चलरिंग स्टेट घाटे में रहेंगी , वहीं कंज्यूलमर स्टेट को फायदा होगा।
मैन्युंफैक्चररिंग स्टेट - वह स्टेट, जिनकी इकोनॉमी प्रोडक्शेन पर आधारित है।ऐसे राज्यों में हरियाणा,महाराष्ट्र,पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु,कर्नाटक और वेस्ट बंगाल के नाम शामिल हैं।
Consumer स्टेेट - ऐसे राज्य जिनकी इकोनॉमी मैन्यु्फैक्चंरिंग पर बेस्ड नहीं हैं। ऐसे राज्य आईटी, पर्यटन और खेती जैसी कामों में लगे हैं। - इनमें UP, ओडिशा,बिहार,आंध्र प्रदेश, झारखंड and M.P आदि हैं।
जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी प्रोडक्ट पर जीएसटी यूजर पर लगेगा। मतलब अगर कोई प्रोडक्ट गुजरात में बनता है और यूपी में बिकता है तो टैक्स यूपी में लगेगा यानि की गुजरात प्रोडक्ट बनाने के बाद भी कोई टैक्स क्लेाम नहीं कर पाएगा, जबकि कुछ नहीं करने के बाद भी यूपी टैक्स क्लेयम कर सकेगा|
क्या क्या वस्तुए और सर्विस महंगी और सस्ती होंगी GST लागु होने की बाद-
कौन कौन सी सर्विस को GST के दायरे से बाहर रखा गया है -
- हेल्थ केयर
- एजुकेशन
- लाटरी
- पेर्ट्रोलियम प्रोडक्ट
5% TAX रेट फॉर - रेलवे,एयर,ट्रांसपोर्ट |
- जबकि टेलीकॉम सर्विस महंगी होंगी
- ब्रांडेड कपडे महंगे होंगे
- लक्सरी होटल में खाना और रहना महंगा होगा
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